बिहार बोर्ड क्लास 10th संस्कृत
(1) मंगलम पाठ के अनुसार जीव एवं आत्मा के समान में क्या कहा गया है।
Ans यह पाठ उपनिषद से लिया गया उनको रजत महर्षि वेदव्यास जी इस पाठ में ही हमें शिक्षा मिलती है कि विद्वानों लोगों को कहना है कि जिस प्रकार बहती हुई नदी या समुद्र में मिलने पर समुंद्र के समान जिस तरह पानी से पानी मिलकर एक समान हो जाता है ठीक उसी प्रकार विद्वान ईश्वर के देव प्रकाश को प्राप्त कर या भगवान से मिलकर जीव योनि से मुक्ति हो जाता है अर्थात नदियों की भतीजी दर्शन संसारी माया मां को त्याग कर देता है जिस प्रकार छोटी छोटी नदियां अपने नाम कुत्तिया का संबंध में विलीन हो जाती है उसी प्रकार विद्वान अपने नाम को त्याग कर उस दिन श्रेष्ठ पुरुष राम को प्राप्त कर लेता है।
(2) मंगलम पाठ के आधार पर शब्द का स्वरूप बताएं।
Ans ऋषि ने कहा है कि सत्य की हमेशा जीत होती है असद की हमेशा हार होती है ईश्वर की प्राप्ति होती है ना की संस्कारी वासनाओं में दूर रहने से ही होती है सत्य के मार्ग पर देवता चलते हैं जिसके द्वारा आत्मा का ऋषि ज्ञान पुस्तक के निकट पहुंचते हैं जहां उसका प्रेम का खजाना है ऋषि का आत्म कल्याण के लिए परम सत्य मार्ग को अनुसार जीवनी से मुक्त पाने में सफल होते हैं गीता के श्री कृष्ण का सत केवल मैं हूं ।
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(3) विवाह संस्कार में कौन-कौन से मुख्य कार्य किए जाते हैं।
Ans विवाह एक पवित्र संस्कार है जिसमें अनेक प्रकार के कर्म कौन होते हैं उनमें बाग धान मंडप निर्माण पर पांच का स्वागत वर वधू का प्रथम निरीक्षण कन्यादान अग्नि स्थापन रानी ग्रहण लाजो हूं सप्तपदी सिंदूर दान आदि होते हैं कुल संस्कार 16 होते हैं।
(4) भारतीय संस्कार का वर्णन किस रूप में हुआ।
Ans भारतीय संस्कृति अतुल्य है जान पूर्व से लेकर मरण मरण उपरांत संस्कार का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है जान से लेकर मरने तक जो किसी भी संस्कृति में देखने को नहीं मिलता भारतीय जीवन के समय-समय पर वेद मंत्रों का पाठ बड़े लोगों का आशीर्वाद हवन और परिवार के सदस्य कब मिलना होता है आज संस्कार व्यंग रूप में प्रयोग किया जाता है संस्कार व्यक्तित्व की रचना करता है प्राचीन संस्कृति ज्ञान संस्कार में उत्पन्न होता है संस्कार मानव के दोषों का परिमार्जन कर गुणों का समावेश करने में योगदान करता है।
(5) स्वामी दयानंद का शिक्षा व्यवस्था का वर्णन करें।
Ans स्वामी दयानंद आधुनिक भारत में समाज और शिक्षा का महान उदाहरण एवं समाज सुधारक हुए हैं उन्होंने राष्ट्रीयता को लक्ष्य बनाकर भारत वासियों के लिए पथ प्रदर्शन का काम किया भारतीय समाज में व्याप्त दूध विवादित आ को दूर कर एक नए समाज की स्थापना की जातिवाद छुआछूत शिक्षा धर्म में आडंबर आदि अन्य कृतियों के खिलाफ जागरण पैदा किया।
(6) स्वामी दयानंद को मूर्ति पूजा की प्रतियां अनाश्ता कैसे हुई।
Ans स्वामी दयानंद ने देखा कि शंकर भगवान की मूर्ति पर चूहे चक्कर भगवान पर चढ़ी हुई वस्तुओं को खारा प्रसाद बुखारा और यह मूर्ति कुछ भी नहीं कर रहा है देवता प्रति में नहीं सकती लगता है पाया जाता है इसी कारण स्वामी दयानंद को मूर्ति पूजा के प्रति आस्था नहीं हुई।
(7) रामप्रवेश की प्रतिष्ठा कहां कहां देखी जा रही है।
Ans रामप्रवेश राम की प्रतिष्ठा अपने प्राप्त प्राप्त और केंद्र प्रशासन में बहुत अधिक है उनको प्रशासनिक क्षमता और संकट काल में निर्णय की छमता सबों के लिए आकर्षक वीरभद्र को पार कर प्रशासनिक क्षेत्र में लोकप्रिय हो गया है।
(8) कर्मवीर कथा से में क्या शिक्षा मिलती है।
Ans कर्मवीर कथा एक पुरुषार्थी की कथा है जो निडरता एवं दलित जाति में जैसे जन विपरीत परिवेश में रहकर प्रबल इच्छा शक्ति तथा उन्नति की उत्कट कामना के कारण उच्च पद पर पहुंचता है अतः इस कथन से शिक्षा मिलती है कि यदि व्यक्ति में प्रबल इच्छा शक्ति एवं उन्नति करने की उत्कृष्ट काम ना हो तो विपरीत परिस्थितियों में उच्च उच्च पद को प्राप्त कर सकता है तथा बच्चों में आत्मविश्वास तथा आत्मसम्मान उत्पन्न करने वाली।