(1) सीता अपने ही घर में क्यों घुटन महसूस करती थी।
सीता के पति के मरते ही घर की स्थिति देनी हो गई भैया में आपसी मतभेद उत्पन्न हो गया वह केवल अपनी पत्नी और संतान में सिमट गए मां के देखरेख एवं भरण पोषण के लिए तीन भाइयों ने एक 1 महीने का परिवहन दिया था सीता किसी भी व्यक्ति के साथ जाती थी तो वह दुखी रहती थी और अंतर्मन से दुखी रहती है बहू की कड़वी बात उसे चुभती रहती थी आपने ही संतान सेवा आज विपक्ष हो गई सबसे नजर बच गई अपने मन की व्यर्थ कहानी किसी का नहीं सकती थी यही कारण अपने घर में घुटन महसूस होती रहती थी और घुटन महसूस करती थी
(2) पालीवाल बदलने पर अपने घर दादी मां के खाने को लेकर बच्चों खुश होते हैं जब उनके माता-पिता खुश होते हैं बच्चे की खुशी और माता-पिता की नाखुशी कानों पर विचार करें।
बच्चे स्वच्छंद मन के होते हैं स्वतंत्र उन्हें कतई अच्छी नहीं लगती दादा-दादी नाना-नानी से उन्हें बहुत लगाव रहता है अपने पाले में दादी को मैं खुशी से झूम उठते हैं जो माता-पिता पहले मैंने कल उसे रखे रखे हो कि 2 बच्चे इस पर दिवस शादी से कोसों दूर रहते हैं बच्चे के माता-पिता खर्चा सेवा आदि को लेकर मन ही मन व्यथित रहते हैं यही कारण है कि पाली बदलने पर बच्चे खुश और उनके माता-पिता ना खुश हो जाते हैं।
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(3) इस समय उसकी आंखों के आगे ना तो अंधेरा था और ना ही उससे धरती और आकाश के बीच में घुटन हुई संक्षेप में व्याख्या करें।
प्रस्तुत पंक्ति शाहबाद दया द्वारा रचित धरती कब तक घूमेगी शिक्षा कहानी से संकलित है परसों शानदार उस समय कहां जमा के बेटे अपने बारिश से मुक्त होकर 50 रुपए प्रतिमाह खर्च देने के लिए निर्णय लेते हैं रोटी क्यों नहीं कराती हैं अर्थात सब कुछ कराती हैं रोटी के लिए अपनी संतान अपने माता पिता को यूं ही जीवन यापन करने के लिए छोड़ देते हैं उन्हें माता-पिता को रोटी नहीं केवल अपनी संतान के लिए चिंतित रहती है सीधा अपने बेटे के फैसले से संतुष्ट हो या ना हो रात्रि में घर से निकल जाती है अब वह किसी की अपेक्षा की शिकार नहीं होगी क्योंकि वह आ गई और समझ आ गए।

(4) सीता का चरित्र चित्रण करें।
सीता जनक की पुत्री और राम की आरती गिनी तो नहीं है कि तीनों बेटे की एक ऐसा असहाय और दीवार गिरा हुआ मां है जो उनके लिए बोझ बन गई है पति के मरने के बाद ही घर में अंतर कला उत्पन्न होने हो जाता है बहू की बात रखनी पड़ती है पोता पोती सब कोई सेवा करता है परंतु बहू और बेटे को लेकर चिंतित रहती थी।
(5) कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
सांवर दइया राजस्थानी भाषा के सफल कहानीकार है इनकी कहानी में राजस्थानी समाज के गहरे अर्थ बोधन विविध घटनाओं का चित्रण मिलता है धरती कब तक घूमेगी साबर दवाई लेखक हैं इस कहानी में कहानी कारक ने सामाजिक मूल्य एवं उसकी संभावनाओं को प्रकट किया है एक मां अपनी संतान के लिए सब कुछ आसान कर देती है सब कुछ दान देती है फिर भी किंतु आप उसे उसे इनकार कर देती कहानी से यही सुधा मिलता है कि किसी मां को ऐसी दुख नहीं मिले ऐसा सोचना नहीं चाहिए इसी कारण दुखी मिलती रखती है बहुत ही परेशान किया जाता है।
(6) कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।
राजस्थानी भाषा के प्रमुख कहानीकार सभा दया द्वारा रचित धरती कब तक घूमेगी सिरसा कहानी सामाजिक विषमताओं को चरित्र चित्रण करती है भारतीय अपने किरण पर निरंतर घूमती रहती है आखिर कब तक कभी न कभी तो याद रखेगी मां भारती की तरह अपनी संतान को बोल को सहन कर लेती है।