गुरु नानक बिहार बोर्ड क्लास 10th हिंदी साहित्य 2023
(1) राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा।
राम नाम के बिना संसार में जन्म व्यर्थ है।
(2) राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा भिखू खाबो भी खूब बोलो बीनू नावे न्यू फुल मोटी भरमन पुस्तक पाठ व्याकरण बरखा नो संध्या क्रम निकाल करो ब्लू गुरु शब्द मुक्ति कहां प्राणी राम नाम भी हो अनु जी मरे दंड कमंडल सिक्स्थ धोती तीर्थ गवन अति भ्रमण करो राम नाम बिनु शांति ना आवे जेपी हरि हरि नाम सुपारी पर जटा मुकुट तन फसल लगाई बसंत छोरी तन नगद भैया जीते जी आप जल थल महिला जनतंत्र 2 शब्द जियागुरु प्रसादी अखिलेश को हरिया नानक झोली पिया।
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Ans राम नाम के बिना यह संसार में हमारा जन्म व्यर्थ है राम नाम के बिना हम जहर खाते हैं और जहर बोलते हैं और हमारी मति भ्रष्ट होकर निसल भटकती रहती है और पुस्तक ग्रंथ व्याकरण का बखान करने और सुबह शाम पूजा पाठ करने का कोई लाभ नहीं मिलता है क्योंकि गुरु के उपदेश के बिना प्राणी की मुक्ति नहीं मिलती है और राम नाम के बिना संस्कारी मन में लगन इलाज कर मर जाता है धन कमंडल धारण करना चोटी बढ़ाना धोती जनेऊ धारण करना तीर्थों पर भ्रमण करना बेकार है राम नाम के बिना शांति नहीं मिलती है जो भगवान का नाम बार-बार लिया होगा दुख को पार कर जाता है बहुत से लोग जटा मुकुट लगाकर छोड़ छोड़कर नंगे होकर इधर-उधर भटकते हैं इंसान में जल थल में जितने प्राणी हैं सभी में ईश्वर का अंश है किंतु जो ग्रुप की प्रसाद की पता है वह हरि रस इस बार आनंद को प्राप्त करता है।
(3) जूना दुख में दुख नहीं मानो जो नर दुख में दुख नहीं मानो सुख उसने अरुण भाई नहीं जाकर कंचन माटी जानू नहीं निंदा नहीं अस्तुति जाकर लोग मुंह अभिमान हर्ष साकेत तरह न्यारो नहीं मान अपमान आशा मनसा सफल त्यागी के जंग निराशा काम क्रोध यहीं पर सुनते ही घाट ब्राह्मण निवास गुरु कृपा यही नर पर किन्ही तीन ही या जुबाती पिचानी नाना क्लीन भयो गोविंद सो जाओ पानी संग पानी।
Ans व्यक्ति दुख में दुख नहीं मानते हैं जो व्यक्ति दुख में दुख नहीं मानता है तू कसनेब है जिसके पास नहीं है सोना को भी मीठी समझता है निंदा स्तुति नहीं है लोग मुंह विमान से दूर रहता है हर 100 अशोक मान और अभिमान उसे प्रभावित नहीं करता जो आसानी ला सकता है तथा ग्राम क्रोध को त्याग करता है ईश्वर उसी के हृदय में निवास करते हैं गुरु की कृपा जिस व्यक्ति के ऊपर हो जाती है वह तीनों लोगों को पहचान जाता है गुरु नानक कभी कहते हैं कि भक्त भगवान में उसी प्रकार वीर हो जाता है जिस प्रकार पानी के साथ पानी एक साथ मिलकर विलीन हो जाता है या मिल जाता है।
(4) कभी किसके बिना जगत मैं यह जन्म व्यर्थ मानता है।
कभी राम नाम के बिना या जन्म व्यस्त बताता है राम नाम के बिना व्यक्ति होने वाला जीवन केवल जहर का भोग करता है वह जहर खाता है वह भी समझता है वह कभी अपने ऊपर किसी को नहीं मानता है राम नाम के बिना या जन्म व्यर्थ है।
(5) आधुनिक जीवन में उपासना के प्रचलित रूपों को देखते हुए नाना के किन किन पदों की क्या प्रासंगिकता है।
Ans आधुनिक जीवन में उपासना के जो भी प्रचलित रूप है वह सभी कर्मकांड से संबंध रखते हैं आज के भाग दौड़ के जीवन में क्रम कौन पर आधारित उपासना के आई में सभी लोग को सफल होना कठिन है आज ईश्वर की उपासना खर्चीला है क्योंकि धन से धर्म किया जाता है जो जनसाधारण के बस की बात नहीं है।