बिहार बोर्ड क्लास 10th – नगर- सुजाता
(1) लेखक ने कहानी का शीर्षक नगर क्यों रखा शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
प्रस्तुत कहानी में नगरीय अवस्था का चरित्र चित्रण किया गया हम एक रोगी जो इलाज के लिए गांव के नगर आता है किंतु अस्पताल प्रशासन उसका नाम तो ला कर देता है उसकी भारतीय नहीं हो पाती है नगरीय व्यवस्था से बंद होकर ही इस कहानी का शीर्षक नगर रखा गया है वर्तमान परिस्थिति में नगरीय जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है गरीबी के कारण अस्पताल के डॉक्टर कर्मचारी आदि खानापूर्ति कर अपने बारिश से मुक्त हो जाती है नहीं ले पाती हैं गरीबी होने के कारण या अनपढ़ गवार अलीशा नाम का एक विधवा अपनी पुत्री के इलाज के लिए नगर के एक बड़े अस्पताल में आती हैं यही इस जगह जिस को तकलीफ देखने को मिलता है पाठ में यही को चरित्र चित्रण किया गया।
(2) पपाति कौन थी और वह शहर में क्यों लाई गई थी।
पपाति बलीस अम्मारण की बेटी थी जो मैरिनेटेड से पी ली थी वह शहर में इलाज कराने के लिए लाई गई थी।
(3) बड़े डॉक्टर ने अपने अधिन पपाति अल डॉक्टरों ने पति को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए क्यों कहा विचार करें।
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वरीय चिकित्सक का पद 1 ग्राम में पद होता है इन्हें अपने कर्तव्य का निर्णय निर्वाहन करना पड़ता है यदि हुए मरीज से अनदेखी करने लगे तो अधीनस्थ डॉक्टर से अनदेखी करने लगे तो उनका मृत्यु भी हो सकता है उनका अभ्यास धीमी धीमी चल जाएगी डॉक्टर साहब इस बीमारी के बारे में बाहर का देश से पढ़ कर आए थे इस बीमारी को देखकर उस पढ़ाई का लाभ उठाना चाहता था।
(4) बड़े डॉक्टरों के आदेश के बावजूद प्रपात अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं हो पाई।
अस्पताल के कर्मचारी खानापूर्ति करने में व्यस्त रहते हैं उनके हृदय में मनाता साहित्य आदि का भाव नहीं रहता है गरीब तबके के लोग पर उनका कोई ध्यान नहीं रहता हर कर्मचारी अपना कम दूसरों पर सौंप देते हैं बेड खाली नहीं होने का बहाना बनाकर पति को सुबह लाने को कहा जाता है।
(5) बल्लीस आमांरन का चरित्र चित्रण करें।
बल्लीस आमांरन नगर सिरसा कहानी का केंद्रीय चरित्र है या वह एक विधवा नारी है जो बीमारी बेटी का इलाज कराने के लिए आए गांव से नगर ले जाती हैं वह पढ़ी-लिखी नहीं रहती है इसी कारण उसको इतना दिक्कत का सामना करना पड़ता है अस्पताल में उसका बेटी भर्ती नहीं हो पाती है बीमारी बेटी से चिन्नीतल्ली संवारा अर्थ विश्वास में डूबी जाती है उसे लगता है कि बेटी को केवल बुखार है उसकी अब आस्था डॉक्टर में नहीं झाड़-फूंक में यही करने को सुझाव बुक करने के लिए भी ले जाती।

(6) कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए।
प्रस्तुत कहानी सुजाता द्वारा रचित है इसमें कहानी कारण नगरीय व्यवस्था को व्यर्थ के धरातल पर लाने का अथक प्रयास किया जाता है यह बहुत बड़ा प्रयास किया जाता इस कहानी का नायिका विलेज संभालना अपनी बेटी को पति को इलाज कराने के लिए गांव से नगर आता है या नगर छोटी नहीं बल्कि अपने आप में स्थित रखता है मुद्रा कहीं पांड्या लोगों को राजधानी थी अंग्रेजी दोबारा नानी लोग दोबारा में दौर और शामिल लोगों के द्वारा मजदूरों कहा जाता है।