बिहार बोर्ड क्लास 10th महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 2023
जीत जीत में नीरखता हू -पंडित बिरजू महाराज
(1) लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज से क्या संबंध था।
Ans लखनऊ बिरजू महाराज का पैतृक घर और जन्मस्थान है रामपुर के नवाब के यहां इनके पिताजी नौकरी करते थे रामपुर से ही इनका नाचना परम हुआ था वहां के नवाब इनकी जीत से बहुत खुश रहते थे इसी कारण को बिरजू महाराज को लखनऊ से रामपुर से अधिक लगाव था।
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(2) रामपुर की नौकरी छूटने पर हनुमान जी को प्रसाद क्यों चढ़ाया था।
Ans रामपुर के नवाब बिरजू महाराज कितने दिन से बड़ा खुश रहते थे मात्र 6 वर्ष की उम्र में नवाब साहब इनकी नियुक्ति पर कर ली थी बिरजू जी का माता एवं पिता नहीं चाहती थी कि 6 वर्षीय बेटा नवाब की नौकरी करें पिता ने नवाब साहब के सामने विरोधी जाहिर किया तो देते नहीं तो बाप ने काका दोनों बाप बेटे को छुट्टी करा दी थी इसी कारण हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाने गए थे।
(3) नृत्य की शिक्षा के लिए पहले पहले बिरजू महाराज किस संस्था से जुड़े और वहां किन के संपर्क में आंगन थे।
नृत्य की शिक्षा के लिए पहले पहल बिरजू महाराज दिल्ली के हिंदुस्तानी डांस म्यूजिक संस्था में जुड़े और वहां से निर्मला जोशी जी के संपर्क में आए थे उसी जगह से वार की स्थापना किए थे।
(4) चीनी के साथ नाचते हुए बिरजू महाराज को पहली बार प्रथम पुरस्कार मिला था।
Ans सीता जी और चाचा जी के साथ भागते हुए मैं बिरजू महाराज की प्रथम पुरस्कार मिला था।
(5) बिरजू महाराज के गुरु कौन थे उनका संक्षिप्त परिचय दे।
Ans महाराज की गुरु इनके पिता ही थे उनके पिता और चाचा दोनों कथक नृत्य महान व्यक्ति थे भेजो मैं आज को स्वीकार करते वक्त अपने बेटे बिरजू की कमाई 50 करोड़ बिरजू महाराज को गट्ठा बांध दिया था।
(6) बिरजू महाराज की नीति शिक्षक किससे और कब देनी शुरू की थी।
Ans 1950 ईस्वी में भेजो महाराज ₹25 को ट्यूशन के माध्यम से निजत शिक्षा आर्य नगर में देते थे वही सीताराम बांग्ला नामक एक लड़के को भी डांस सिखाते थे।
(7) बिरजू महाराज के सबसे दुखद समय कब आया उसे सम्मानित प्रसंग का वर्णन करें।
Ans बिरजू महाराज के जीवन में सबसे दुखद समय तब आया था जब उनके पिताजी को मृत्यु हो गई थी पैसा घर में एक भी नहीं थी पिता के साथ दसवीं के अंदर बाला बिरजू को जो प्रोग्राम देना पड़ा से ₹500 प्राप्त हुआ तब उनको अपने पिताजी को श्राद्ध में वही पैसा को लगाया गया किसी तरह अपने पिताजी को श्राद्ध करा दिए थे।
(8) शंभू महाराज के साथ बिरजू महाराज का स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
शंभू महाराज बिरजू महाराज के ताजा थे पिताजी के समय से ही खाना-पीना अलग होता था मैं खाने-पीने के बहुत शौकीन थी।
(9) कोलकाता के दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नर्तक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता था।
Ans कोलकाता के दर्शकों की प्रशंसा का बिरजू महाराज के नर्तक जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ा बिरजू महाराज का नाम सभी अखबारों में छपे उनके प्रोग्राम होने लगे अनु को अधिक से अधिक नृत्य की जगह मिलने लगी। ।
(10) अपने विवाह के बारे में बिरजू महाराज क्या बताते थे।
Ans जादू जी महाराज 18 साल के थे उस समय उनका विवाह हुआ था बिरजू महाराज नहीं चाहते थे कि वह विवाह हो परंतु अम्मा जी के इच्छा से विवाह हुआ विवाह करना मैं बहुत बड़ा गलती मानते थे इस उम्र में और अम्मा कहना पर पंडित बिरजू महाराज का शादी करा दिया गया था।