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Bihar Board Class 10 Th Question Answer 2023 : बिहार बोर्ड क्लास 10TH हिंदी साहित्य क्वेश्चन आंसर 2023

बिहार बोर्ड क्लास 10TH हिंदी साहित्य

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(1) मनुष्य की छाया कहां और क्यों पड़ी हुई है।

Ans मनुष्य की छाया हिरोशिमा क्षेत्र में पड़ी हुई है अर्थात मानव की छाया प्रति चीन अभी भी देखा जा सकता है कि मानव तो भाव बनकर उड़ गए लेकिन उनकी छाया अभी भी मौजूद है उस जगह पर जिस जगह पर अब जाकर देख पाएंगे और हर एक जगह के लोग जाकर अपनी इच्छा से इस दृश्य को देख पा  रहे हैं और देख कर उन्हें विश्वास पुनः जागृत हो रहा है।

(2) छाया दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ी है स्पष्ट करें।

Ans सूर्य के उगने से जो दिन-प्रतिदिन छाया छाया का निर्माण होता है वे सभी निश्चित दिशा में लेकिन बम विस्फोट से निकले हुए प्रकाश से जो छाया बनती है वह दिशाहीन होती है क्योंकि आणविक शक्ति से निकलने उसमें प्रकाश दिशा में पड़ता है उनका कोई निश्चित दिशा नहीं है बम के प्रभाव से मरने वालों की क्षत-विक्षत लाश की गई है और यह देखने का दृश्य निश्चित होकर हर जगह फैल गई है।

(3) कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाला सूरज क्या है वह कैसा निकलता।

Ans  कविता के प्रथम अनुच्छेद में निकलने वाली सूरजभान बिग बम का प्रचंड बोला है ऐसा प्रतीत होता है कि वह क्षितिज से ना निकल कर धरती फाड़ कर निकलता अर्थात हिरोशिमा की धरती पर बम गिरने से आग का गोला चारों ओर फैल जाता है चारों ओर आज की गोला फैल जाती है और हर जगह क्षत-विक्षत दिखाई पड़ती लाशों के ढेर हो जाती है उस जगह का चित्र चित्रण कर बिखर जाता है या बुरा देखने को मिला था उस जगह पर हीरो सीमा नेपाल में अवस्थित है जो आज भी लोग देखने के लिए उस जगह पर जाते हैं कि क्या इस जगह पर होता है हुआ था।

Source  Internet

(4) हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है।

Ans  हिरोशिमा में परमाणु बम गिराया गया सब कुछ भाप बनकर उड़ गया मनुष्य उड़ गए चारों और बर्बादी बर्बादी हुई हिरोशिमा मुसर शहर की छाया अभी भी हिरोशिमा में देखा जा सकता है जो बहुत ही भयानक और बर्बादी का रूप लिया था और बहुत ही गलत दृश्य देखने को मिला था जो अभी भी उस जगह पर मौजूद है और हर लोग जाकर अपनी दृष्टि से देख पाते हैं और उन पर विश्वास हो पाता कि इस दृश्य बहुत ही खतरनाक है और बहुत ही सही बताया गया।

(5) आपकी घर लौटा तो देखा हुआ नहीं था वही बुड्ढा चौकीदार बीजू हमेशा मिलता था घर के दरवाजे पर तैनात पुराने चमड़े का बना उसका सहयोग ही सुख जान छोड़ दिया दारू खुद्दार तना मेला कुचला राइफल से एक सूखी दाल एक पगड़ी दार पावों में फटा पुराना जूता मारा था लेकिन अखाड़ा बलभुत।

Ans बहुत दिनों बाद जब कभी घर लौटा तो उस बड़ा आश्चर्य हुआ उसके घर के दरवाजे के सामने चौकीदार ब्रिज पुराना था और उसके शरीर का छाल पुराना था फिर जोड़ीदार और तमाम मेला को चला था उसकी एक दाल सूखी थी जो राइफल की तरह लगती थी दूसरे तने में कुछ पत्ती थी उसके जड़े फटे पुराने जूता पहनने का जैसा लग रहा था फिर भी पेड़ा खा ले कर अपने बलबूते पर तैयार था हर जगह पर हल मौसम में होगा तैयार रहता था और वह अपनी ड्यूटी पर हमेशा तैनात रहता था कभी आता तो बोलता तो सिर दर्द का तक कौन थोड़ा जवाब देता मैं तुम्हारा दोस्त हूं।

(6) हरि रस से कवि का क्या अभिप्राय है।

Ans. राम नाम का महिमा का व्याख्या करते हुए कहते हैं कि भगवान राम के बिना कोई अन्य कोई धन साधन नहीं है भागवत कीर्तन से प्राप्त रामानंद को हरीराज कहा गया है भगवान के नाम कीर्तन नाम सम्मेलन में डूब जाना हरि कीर्तन को रमजान और कीर्तन में उपचार होता है।

10 Th Question Answer 2023
10 Th Question Answer 2023

(7) जो नर दुख में दुख नहीं मानो जो नर दुख में दुख नहीं मानो सुभाष ने आरोप है नहीं जाकर कंचन माटी जानू मैं निंदा नहीं मानते नहीं मान अपमान आसामसकल त्याग देखते रहे यहीं पर घाट रामनिवास गुरु कृपा से ही किन्ही तीन भयो गोविंद संग पानी।

Ans जो व्यक्ति दुख में दुख नहीं मानते हैं जो व्यक्ति दुख में दुख नहीं मानते हैं और सुख हंसने भाई जिसके पास नहीं है सोना कोई मीठी समझता है निंदा स्तुति नहीं है लोग मोर मन से दूर रहता है हर शख्स लोकमान और अपमान उसे प्रभावित करते हैं गुरु की कृपा जिस व्यक्ति के ऊपर हो जाती है वह तीन लोगों को पहचान जाता है गुरु नानक कभी कहते हैं कि भक्त भगवान में उसी प्रकार बिल हो जाता जिस पर पानी के साथ पानी मिल जाता है

(8) राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा देखो खाबो देखो बोलो बिना बेनिफुल माटी भर में पुस्तक पाठ व्याकरण बखानी सदिया कर्म निकाल करो ब्लूटूथ बंद मुक्ति कहां पर आने राम नाम बहू रिज्यूम अरे दंड कमंडल शिक्षित होती तिथि गबरु अति भानु करो राम नाम बिनु शांति ना आवे जी हरि हरि नाम सुपारी पुत जटा मुकुट तन भजन लगाई बसंत चूड़ी कंगन भैया देते दिया जल जल जल महल जत्र तक दूसरा जो गुरु प्रसादी रखी ले जाने कब हरीश नानक ने लिया पिया

Ans राम नाम के बिना यह संसार में हमारा जन्म दिया था राम नाम के बिना हम इस खाते हैं और 20 बोलते हैं और हमारे मति भ्रष्ट होकर निश्चल भटकती रहती है पुस्तक राम व्याकरण का व्याख्या करना और सुबह शाम पूजा पाठ करने से कोई लाभ नहीं है क्योंकि गुरु के प्रदेश के बिना पानी के मुक्ति नहीं मिलते हो बार राम नाम के बिना संस्कारी की माया मोह में उलझ कर मर जाता है धारण करना चोटी बढ़ाना धोती जनेऊ धारण करना तीर्थों में भ्रमण करना बेकार है राम नाम के बिना शांति नहीं मिलती है जो भगवान का नाम बार-बार लिया वह दुख को पार कर जाता बहुत से लोग जूता बढ़ाकर मुकुट लगाकर खड़े होकर इधर-उधर भटकते रहते हैं इस संसार में जितने भी ईश्वर का अंश अर्थात ईश्वर को प्राप्त कर लेता है।

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Ranjay Kumar is a Bihar native with a Bachelor's degree in Journalism from Patna University. With three years of hands-on experience in the field of journalism, he brings a fresh and insightful perspective to his work. Ranjay is passionate about storytelling and uses his roots in Bihar as a source of inspiration. When he's not chasing news stories, you can find him exploring the cultural richness of Bihar or immersed in a good book.

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